इस पोस्ट में (you will get)…
आई फ्लू (Eye flu)
–परिचय –Introduction
-कारण –Reason
-लक्षण –Symptoms
-सावधानिया-Precaution
-इलाज-Treatment
-महत्वपूर्ण-important
आई फ्लू (EYE FLU)
आई फ्लू को कंजंक्टिवाइटीस (Conjunctivitis) ,नेत्र श्लेष्मा शोथ, आँख दर्द, आँख लाल होना, आँखे आना ,आँखों में कीचड़ (मवाद) आना एवं आँख गुलाबी होना (pink eye) आदि नामों से भी जाना जाता हैं प्राय: आई फ्लू (Eye Flu) कंजंक्टिवा (conjuctiva) जो आँख की एक झिल्ली होती हैं, जो पलकों के अन्दर वाली सतह से आँखों के आगे के भाग कार्निया ,अथवा काली पुतली तक बढती हैं (जो सामने पुतली के अगल- बगल सफेद परत के रूप में दिखती हैं ) का इन्फेक्शन एवं सुजन ही आई फ्लू (Eye Flu) होता हैं ,जिसमें कई कारणों से सफेद झिल्ली लाल हो जाती हैं ,वैसे आई फ्लू (Eye Flu) खरनाक नही हैं परन्तु उचित चिकित्सा के अभाव में अथवा इलाज में बिलम्ब करने से नेत्र ज्योति पर भी प्रभाव पड़ सकता है I
आई फ्लू(EYE) के कारण
- कोई रसायनिक , बाहा वस्तु अथवा जीवाणु का नेत्र श्लेष्म कला में प्रवेश
- आंख में धुआ, गर्दा, धुल ,बेल्डिंग की क्रिया से उत्त्पन रासायनिक प्रभाव आदि से आँख की (conjunctiva) झिल्ली में सुजन , लालिमा , दर्द आदि हो जाता है और आई फ्लू के सभी लक्षण आ जाते हैं जिसे एलर्जीकल आई फ्लू कहते है
- बैक्टीरिया,फफूद के कारण
- जब मौसम में बदलाव होता है I तो अचानक कुछ बैक्टीरिया जैसे स्ट्रेपटोकोंकस (streptococcus) , Aaureus आदि आंख के (conjunctiva) झिल्ली में प्रवेश कर जाते है , जिससे आँख आ जाती है | जिसे बैक्टीरियल आई फ्लू कहते है I
- वायरस (VIRUS) के कारण
- जब कुछ वायरस (Virus) जैसे –Adenovirus, herpes virus , आदि आँख में प्रवेश कर जाते है तो भी आँख बीमार हो जाती है और आई फ्लू के सभी लक्षण हो जाते है ये भी तापमान में तेजी से बदलाव के कारण ही होता है जैसे –बरसात ,पतझड़ आदि में जिसे वायरल (CONJUCTIVITIS ) या आई फ्लू कहते हैं
- नजला –जुकाम , टांसिल ,हुपिंग कफ, डिप्थीरिया, एकिज्मा ,कंठमाला ,दमा की एलर्जी आदि से भी आई फ्लू हो सकता हैं I
- चटपटे मिर्च मसालेदार ,खट्टे -मीठे ,अम्लीय खाने का अधिक सेवन करने से, पित्त सम्बन्धित रोग होकर आखो को प्रभावित करता है I और नेत्र श्लेष्म कला शोध का रोग उत्त्पन करता है I
- तेज धुप में चलने –फिरने के तुरंत बाद ठंढे पानी से मुह को धोने से अथवा नहाने से आई फ्लू हो सकता है I
- अधिक गर्म वातावरण में अधिक समय तक रहने के बाद एक दम शीतल वातावरण में पहुच जाने के
कारण भी आई फ्लू हो सकता हैं
आई फ्लू (EYE FLU) के लक्षण
- आँखों का लाल या पिंक होना
- आँखों में सुजन होना
- आँखों में दर्द होना
- आँखों से पानी आना
- आँखों से मवाद (कीचड़) आना
- आँखों का आपस में चिपकना
- आँखों में खुजली होना
- आँखों में जलन प्रतीत होना
- आँखों में चुभन सा लगाना
- आँखों की पलकों (Eye leed) में कड़कपन महसूस होना
आई फ्लू (EYE FLU)- में आँख का देख भाल एवं सावधानिया
- आँखों को खुजलाये नही I
- हाथ को साबुन या सेनिटाइजर से हमेशा साफ रखे I
- आँखों को दिन भर में 4-5 बार साफ पानी से धोये I
- गर्म पानी से सेकाई करे
- ज्यादा दिक्कत होने पर डाक्टर से जरुर दिखाए |
- आखं में कीचड़ होने पर उसकी सफाई एक साफ तौलिया रुई या टीसु से करे और उस
कपड़े को साफ करके अपने पास रखे उसी को बार-बार यूज करे दुसरे व्यक्ति से दूर रखे I
- अपने बिस्तर एवं तकिये को अलग रखे I
- काला चश्मा का प्रयोग करे ताकि आपका हाथ बार-बार आँख को टच ना करने पाये I
- धुल एवं धुए से आँख को बचाये I
आई फ्लू(Eye flu)-इलाज(Treatment)
वैसे आई फ्लू का कोई इलाज नहीं है, लेकिन यदि दिक्कत ज्यादा रहे तो लक्षण के अनुसार दवाइयां दी जा सकती हैं।
आई फ्लू में मुख्य रूप से एंटीबायोटिक और पेन किलर दवाइयां दी जाती हैं।
एंटीबायोटिक के कुछ फार्मूले मैं शेयर कर रहा हूं इस पोस्ट में लेकिन यह डॉक्टर के दिशा निर्देश पर ही लेना चाहिए।
जैसे -सिपरोफलोक्सासिन (ciprofloxacin)
जेंटामाइसिन (Gentamicin) और
ओफ़्लॉक्सासिन (Ofloxacin)
यह दवाएं अलग-अलग कंपनियों के अलग-अलग नाम से मिल जाएंगी।
यदि आंख में दर्द ज्यादा है तो कीटोटीफेन (kitotifen) जो बाजार में एल्बोलोन (Albolon)के नाम से मिल जाएगा जो आप यूज़ कर सकते हैं
Dose- इस दोनों दवाओं के ड्रॉप को दो दो बूँद दिन में दो बार डाल सकते हैं।
Note- एंटीबायोटिक और दर्द ,दोनों दवाओं को
कुशल चिकित्सक की देखरेख में ही लेंना चाहिए | ज्यादा दर्द होने पर आप दर्द की टेबलेट भी ले सकते हैं
Important –
आई फ्लू पूर्ण रूप से वायरल और बैक्टीरियल इन्फेक्शन से होने वाला रोग है
यह मौसम में एका -एक नमी अथवा गर्मी अथवा बरसात में अक्सर होता है यह एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति में सिर्फ छूने (touch) से फैलता हैं
लोगो में ये डाउट रहता है की आई फ्लू संक्रमित व्यक्ति के आँख में देखने से भी होता हैं जबकि ये पूर्ण रूप से गलत हैं
ये केवल संक्रामक (contagious)-बीमारी हैं
काला चश्मा व्यक्ति केवल अपनी आँख बचाने के लिए पहनता हैं कि उसका खुद का हाथ आँख को छू (touch ) ना कर पाए और उसमे धुल ,धुँआ आदि से बच पाए
Note– अपने सेहत का हमेसा ख्याल रखे और मेरे इस पोस्ट को भी पढ़े प्लीज
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