परिचय (Introduction)
पानी हमारे शरीर के लिए मूल आधार हैं
बिना पानी के कोई भी जीव जीवित नहीं रह सकता.
जीवित रहने की बात को यदि हम अलग करे, तो पानी की कमी ( Dehydration) से हमारे शरीर को बहुत सारे दिक्कत और रोग हो जाते हैं।
और यदि( Dehydration ) ज्यादा हो जाय तो मनुष्य की जान भी जा सकती हैं और बहुत सारे रोग भी हो सकते हैं ।
पानी की कमी आदमी के शरीर को बहुत प्रभावित करती हैं ।
अतः आदमी के शरीर में पानी की मात्रा समान्य होना चाहिए।
यदी पानी की कमी हो जाती हैं तो दिक्कत होती ही होती हैं।
यदि पानी ज्यादा जो जाय तो भी दिक्कत होती है।
पानी की कमी क्या होता हैं?
हमारे शरीर का निर्माण लगभग 75% पानी से हुआ है। हमारे शरीर में 24 घंटे कुछ ना कुछ एक्टिविटी होती रहती है, छोटी हो या बडी
जैसे – चलना, दौड़ना, टहलना, लेटना, हिलना डुलना, सांस लेना, सोना, पलके झपकाना , खाना -पीना, सोचना , ब्लड का हमारे शरीर में रन करना-
सभी ऑर्गन का काम करना, नर्वस सिस्टम का काम करना आदि ।
हमारे शरीर की हर एक्टिविटी, और छोटी बड़ी सभी प्रक्रिया के लिए पानी चाहिए।
अतः जब हमारे शरीर में पानी की कमी होती है तो इन सब प्रकिया को करने में हमारे शरीर को दिक्कत होने लगती हैं.
तो समझना चाहिए कि हमारे शरीर में पानी की कमी हों रही हैं।
ये भी पढ़े पानी की कमी से उल्टी भी होती है जो ज्यादा होने पर जान लेवा हो सकती हैं।
आइए हम जानते हैं हमारे शरीर में पानी की कमी कैसे होती है?
कई तरह से हमारे शरीर में पानी की कमी होती हैं और हम उसपर ध्यान नहीं देते और ओ दिक्कत बन जाती हैं।
पानी कम पीना
जैसे–
1– कभी कभी ऐसा होता हैं की आदमी कोई काम नहीं कर रहा हैं आराम की स्थिति में हैं तो उसे प्यास नही लग रही है तो वह पानी भी नही पी रहा हैं।
लगातार ए. सी. वाले रूम में बैठने से भी पानी नहीं पी पाता है।
2- वह काम में ज्यादा व्यस्त हैं और पानी पीने पर ध्यान नही दे पा रहा हैं।
3- कभी -कभी एसी स्थिति बन जाती हैं की टाईम से पानी उपलब्ध नहीं हो पाती हैं।
4- कुछ लोगो को, पानी कितना हमारे शरीर के लिए महत्वपूर्ण है , का ज्ञान ही नहीं रहता हैं।
पानी का हमारे शरीर से ज्यादा निकल जाना
जैसे-
1- कुछ एसी स्थिति होती हैं जिसमें पसीना ज्यादा आता है जिससे बॉडी में पानी की कमी होने लग जाती हैं।
2- धूप में ज्यादा रहना पड़ गए, लू लग गईं,
3- लूज मोशन ज्यादा हो गया तो पानी की मात्रा ज्यादा कम हो जाता है।
4- उल्टी ज्यादा हो गईं इससे भी शरीर मे पानी की कमी ज्यादा हो जाती हैं, इत्यादि
पानी की कमी होने के कारण
पानी की कमी, साथ में इलेक्टोलाइट्स – (पोटैशियम, सोडियम, कैल्शियम, फास्फोरस , मैग्नीशियम आदि
के कारण पानी की कमी मानव शरीर में हों जाती हैं
कभी कभी इन इलेक्टोलाइट्स के अधिक हो जाने से निर्जलीकरण के लक्षण आ जाते हैं।
पानी की कमी के पहिचान
बॉडी में पानी की कमी जब प्रारंभिक अवस्था में रहता हैं तो –
मुख में सुखापन महसूस होता हैं लार का बनना कम हो जाता है।
त्वचा मुलायम नहीं दिखता त्वचा में भी सूखापन हो जाती है
पेसाब मनुष्य को कम हो जाती है , पेसब पीला सा दिखने लगता हैं पसीना नही होता हैं. इत्यादि
यदि पानी की कमी ज्यादा हो जाती हैं तो
चक्कर आना, बेहोसी होना, भ्रम की स्थिती होना
दिमाग का सही से काम न करना आदि शिकायत होती है ।
प्यास ज्यादा लगती है ।
मेजर रूप में डायरिया, उल्टी , थकान, आंखों से कम दिखना, जैसी स्थिति जब होती हैं तो हॉस्पिटल में एडमिट होने की जरूरत पड़ जाती हैं।
पानी की कमी (dehydration) से कैसे बचें
Note – यदि आप को पानी की कमी के उपरोक्त सभी लक्षणों और इससे होने वालीं दिक्कतों में से कोई भी दिक्कत ज्यादा है तो आप को किसी कुशल डॉक्टर से परामर्श लेकर दवाई लेनी चाहिए।
वैसे यदि दिक्कत थोडा कम है तो घरेलू व प्राकृतिक उपचार व नुस्खे प्रयोग करके रिकवर किया जा सकता है।
पानी की कमी पुरा करने के लिए ये करे
ज्यादा से ज्यादा लिक्विड डाइट लें
1– खिचड़ी, दलिया, पके हुए चावल का लिक्विड पार्ट- ( गीला चावल – माड. ) नींबू पानी, छांछ, लस्सी, दही , दही का शरबत सब्जियों के सूप,आदि
ज्यादा से ज्यादा सीजनल फ्रूट और जूस लें
जिसमे पानी की मात्रा ज्यादा होती हैं।
जैसे – मौसंबी, संतरा, कीनु, पेठा, नारियल पानी, मैंगो जूस, तरबूज, खरबूज इत्यादि
ज्यादा से ज्यादा सलाद व हरी सब्जी का सेवन करे
जैसे – खीरा ,नींबू ,गाजर , प्याज, टमाटर, ककड़ी, पत्ता गोभी , पालक, मूली, नेनुआ , तोरई, आदि।