अनीमिया – Anemia
शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने वाले तत्व (हिमोग्लोबिन) जो RBC- रेड ब्लड सेल्स में पाया जाता हैं, की कमी को अरक्तता अथवा अनीमिया कहते हैं।
वैसे ये कोई रोग नहीं बल्कि कई अन्य रोगों की वजह से हो सकता है, अनीमिया स्त्री, पुरुष और बच्चो में एक कॉमन समस्या है ।
एक सामान्य वयस्क (adult) पुरुष के शरीर में परिसंचरण करते हुए ब्लड का आयतन लगभग 6 लिटर होते है।
महिलाओं में ये लगभग 5 लीटर के आस पास होता हैं।
रक्त शरीर के कुल भार (weight) का 1/15 से 1/11 वा भाग होता हैं।
जब शरीर के लाल रक्त कोशिकाओं (RBC) में हीमोग्लोबिन(hemoglobin) नामक पदार्थ का स्तर सामान्य से नीचे हो जाता है
तो उस अवस्था को रक्ताल्पता (अनीमिया) के नाम से जानते है।
हीमोग्लोबिन का कार्य ऑक्सीजन को शरीर के प्रत्येक कोशिका तक पहुंचना है।
जब हमारे ब्लड में हीमोग्लोबिन की मात्रा कम हो जाती है तो रक्त की ऑक्सीजन वहन (carry) करने की क्षमता कम हो जाती है।
एक स्वस्थ युवा पुरुष और स्त्री में हीमोग्लोबिन की मात्रा क्रमशः 13.5 से 18 ग्राम तथा 11.5 से 16.5 ग्राम प्रति 100 मिलीलीटर होती है।
हीमोग्लोबिन के निर्माण के लिए आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन B12 एवं प्रोटीन की आवश्यकता पड़ती है।
हीमोग्लोबिन का निर्माण हमारे शरीर में हड्डियों के बीच अस्थिमज्जा (bone marrow) में होता है।
- ओपी
अनीमिया के कारण
1- अस्थि मज्जा में लाल रक्त कोशिकाओं का कम बनाना अथवा बिल्कुल न बनना ।
यह सब अस्थि मज्जा (bone marrow) में गड़बड़ी जैसे -क्रोनिक रीनल फेल्योर, अधिक किरणों का प्रयोग, साइटोंटॉक्सिक दवाएं, हाइपोथायराइड वायरल संक्रमण
एव जन्मजात अस्थि मज्जा में ल्यूकीमिया कोशिकाओ का प्रवेश, फाइब्रोसिस, लिम्फोमा आदि के कारण हो सकता है।
2-किसी कारण बस शरीर से ज्यादा खून बाहर निकल जाना जैसे – शरीर पे कहीं कट जाना, महिलाओं में माहवारी के द्वारा, बवासीर के वजह से, किसी भी आपरेशन की वजह से, मसूड़ों से खून निकल जाना, खूनी पेचिस आदी।
3-लौह तत्व (आयरन) की कमी
4- विटामिन बी -12 और फोलिक एसिड की हमारे शरीर में कमी
5- भोजन में पोषक तत्वों की कमी
6- किसी कारण वस भोजक कम करना
7- पेट में कीड़े होने
8- कई गंभीर बीमारियो के कारण भी अनीमिया हो जाया करता है।
जैसे – टी. बी, कैंसर, अस्थमा , शुगर, आंतो में घाव, पैखाने में ब्लड आना, महिलाओं में प्रसव के द्वारा ब्लड ज्यादा निकल जाना, कोई भी संक्रामक रोग अथवा बुखार, पाचन शक्ति ठीक ना होना मेटाबोलिक सिंड्रॉम होना इत्यादि।
अनीमिया के प्रकार
यह समझना जरूरी है कि शरीर में खून की कमी किस-किस तरह की होती है?
प्राय: हमारे शरीर में खून की कमी दो प्रकार की होती है।
1- आयरन की कमी से उत्पन्न एनीमिया
आयरन एक बहुत महत्वपूर्ण खनिज हैं
जीसकी कमी डायरेक्ट ब्लड की कमी यानी अनिमीया माना जाता हैं।
इस तरह की अनीमिया बहुत ज्यादा पाया जाता हैं।
2- विटामिन बी- 12 या फोलिक एसिड की कमी से उत्पन्न एनीमिया
इस प्रकार की अनीमिया में प्रणाशी अरक्तता एवं मैगालो ब्लास्टिक अरक्तता (गर्भावस्था आदि की) अनीमिया होती हैं, ये कभी-कभी देखने को मिलती है।
अनीमिया के अन्य प्रकार
एक्लोर हाईड्रिक अनीमिया (Achlorhydric Anaemia)
जब आमाशय में हाइड्रोक्लोरिक एसिड का अभाव होता है तब यह एनीमिया होती है।
आमाशय में हाइड्रोक्लोरिक एसिड के अभाव से लाल रक्त कोशिकाएं छोटी होती हैं और उनमें उपस्थित हीमोग्लोबिन की मात्रा कम हो जाती है।
न्यूट्रीशनल एनीमिया(Nutritional anemia)
भोजन में पोषक तत्वों की कमी अथवा आंतों द्वारा इसके अवशोषण में कमी के कारण उत्पन्न एनीमिया को न्यूट्रीशनल एनीमिया कहते हैं।
एप्लास्टिक एनीमिया(Aplastic anemia)
जब अस्थि मज्जा में साईटों टॉक्सिक औषधीयों के प्रयोग से अथवा एक्स- रे द्वारा नष्ट हो जाने के कारण लाल रक्त कणिकाओं में पुन:जीवन में बाधा उत्पन्न होने से उत्पन्न एनीमिया को ही एप्लास्टिक एनीमिया कहते हैं।
हेमोलिटिक अनीमिया(hemolytic anemia)
इस प्रकार की एनीमिया प्रायः जन्मजात होती है परंतु कभी-कभी संक्रमण के कारण अथवा औषधीयो के विषैला प्रभाव से लाल रक्त कोशिकाओं के अधिक टूटने से हो सकती है।
मैक्रोसाइटिक अनीमिया (macrocytic anemia)
इसमें लाल रक्त कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ जाती है।
मैगलोब्लास्टिक अनीमिया(magloblastic anemia)
इस प्रकार की एनीमिया में रोगी के रक्त में मैगलोब्लास्ट पाए जाते हैं।
हाइपरक्रोमिक अनीमिया (Hyperchromic Anaemia)
जब औसत कणिका हीमोग्लोबिन सांद्रता (M.C.H.C.) सामान्य से अधिक होता है,जिसमें लाल रक्त कोशिकाएं सामान्य से अधिक अभीरंजीत होती हैं।
अनीमिया होने के लक्षण
अनीमिया से पीड़ित रोगी में कमजोरी , थकान,चिड़चिड़ापन, शारीरिक ऊर्जा में कमी
एकाग्रता में कमी ,सर दर्द, किसी भी कार्य में मन ना लगना।
शरीर गिरा गिरा सा रहना, चक्कर आना शरीर के विभिन्न भागों में दर्द रहना।
शरीर पीला पीला सा दिखना, कम आयु में ही वृद्धावस्था जैसा झुर्री पड़ने लगना, हल्का-हल्का बुखार बने रहना, हृदय का तेज तेज धड़कन
हल्की थकान मात्र से ही हृदय की धड़कन में वृद्धि हो जाना ,घाव हो जाने पर उसका धीमी रफ्तार से ठीक होना।
नाखून बिल्कुल सफेद दिखाई देना, थोड़ी सी ही परिश्रम मात्र से सांस फूल जाना
नाड़ी तेज चलना, हृदय के आकार का बढ़ना, पैरों में सूजन आ जाना
मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी के कारण यादास्त में कमी और उलझन रहना
आंखों की चमक गायब होना,आंखों के नीचे काले धब्बे पड़ने लगना
आंखों की श्लेष्मा झिल्ली रक्त विहीन,जीभ सफेद, हाथ पैरों के नाखूनों का सफेद रंग,
भूख कम लगना, हाथ-पैर मे चींटी -सी चलने जैसा महसूस होना मुंह के किनारो पर घाव होना
आंखें धसी हुई, अनिद्रा , कब्ज ,स्वस्थ ,शरीर का तापक्रम औसत से कम
हथेलियों व तलुवों में जलन, किसी किसी रोगी में दौरे पड़ना, कभी -कभी चेहरे और पैरो पर सूजन होना आदि।
अनीमिया की पहचान
एनीमिया से ग्रसित रोगी की पहचान सरलता पूर्वक की जा सकती है।
रोगी की हथेली को दबा कर देखने से तथा उसकी लालिमा को देखने से सरलता पूर्वक जानकारी की जा सकती है कि रोगी में रक्त की कमी है।
हाथ की हथेलियां, नाखून, जीभ तथा आंखों में सफेदी और पीलापन इस रोग के मुख्य चिन्ह है।
आयरन की कमी से होने वाली एनीमिया के रोगियों में नाखून खुरदरे वह संकुचित होकर उनकी चमक नष्ट हो जाती है।
तथा नाखून चपटे होना आरंभ हो जाते हैं। रोग के अधिक प्रभाव के कारण नाखून पीचक जाते हैं।
रोगी की जीभ सपाट ,चमकदार वह पीली होती है।
अनीमिया में जांच
- हीमोग्लोबिन की जांच
- हीमेटोकीट
- R.B.C काउंट
महत्वपूर्ण बात – यह लेख एक सामान्य जानकारी मात्र हैं किसी भी प्रकार की दिक्कत होने पे मरीज़ को एक कुशल चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।
अनिमिया से बचाव –
अनीमिया से बचाव इसका मेन कारण होता हैं।
इसमे आप को देखना पड़ेगा कि अनीमिया किस कारण डेवलप हुआ हैं?
आप की टेंडेंसी क्या है?
आप के शारीर का प्रकृति क्या हैं ?
आप क्या खाते है?
आप का पाचन क्रिया कैसा है?
यदि आप को अनीमिया सामान्य हैं तो आप अपना डाइट में पौष्टिक आहार को सम्मिलित कर के अनीमिया से बचाव कर सकतें हैं
जैसे –
✔ गेहूं, चना, मोठ, मूंग को अंकुरित कर नीबू मिलाकर सुबह नाश्ते में खाएं।
✓ मूंगफली के दाने गुड़ के साथ सुबह-शाम चबा-चबा कर खाए।
✓ दूध के साथ अंजीर और खजूर का सेवन करें।
✓ सब्जी में पालक, सरसों, बथुआ, चौलाई, मटर, मेथी, शलगम के पत्ते, गोभी, हरा धनिया, पुदीना, टमाटर खाए।
✓ फलों में पपीता, अंगूर, अमरूद, केला, सेब, चीकू, नीबू का सेवन करें।
✓ अनाज, दालें, मुनक्का, किशमिश, सूखे बेर, गाजर, पिंड खजूर लाल रंग के फल और सलाद खाए।
नोट – यदि आपको अनीमिया ज्यादा हैं तो एक कुशल चिकित्सक से परामर्श कर के दवाइयां जरुर ले।