अग्न्याशय से एक हार्मोन निकलता है जिसका नाम इंसुलिन है जब अग्न्याशय से इंसुलिन नामक हार्मोन नहीं निकलता है या कम निकलता है
तो मधुमेह रोग होता है यह रोग कोशिकाओं द्वारा इंसुलिन का उपयोग करने में असमर्थता या प्रतिरोध के कारण भी उत्पन्न होता है।
इस बीमारी के कारण, लक्षण, परेशानी और इलाज सभी अलग-अलग हैं यह सभी रोगियों में समान नहीं होता है
इसीलिए इसे एक बीमारी के बजाय ‘सिंड्रोम’ भी कहा जाता है,
जिसमें हार्मोन शरीर में खपत चीनी को पचाकर ऊर्जा में बदल देता है
और रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को एक निश्चित स्तर से अधिक नहीं बढ़ने देता।
शेष अतिरिक्त शर्करा की मात्रा इंसुलिन द्वारा ही ग्लाइकोजन में परिवर्तित होकर यकृत और मांसपेशियों में अवशोषित हो जाता है।
आम तौर पर, खाली पेट रक्त शर्करा का स्तर 80 से 120 मिलीग्राम प्रति 100 सी.सी के बीच होता है और भोजन करने के बाद यह स्तर 100 से 140 मिलीग्राम हो जाता है इस रोग में कार्बोहाइड्रेट, वसा और प्रोटीन के चयापचाय (metabolism) की प्रक्रिय खराब(अस्त –व्यस्त) हो जाती है।
इस रोग में रोगी के रक्त और मूत्र में शर्करा सामान्य से अधिक हो जाती है
और इस रोग में पुरुषों की अपेक्षा स्त्रियों की संख्या कम होती है
इस रोग में वसा ज्यादा भी हो सकता है।
जिससे रोगी को (कीटोएसिडोसिस) हो सकता है मधुमेह के रोगी की धमनियों और नसों पर बुरा प्रभाव पड़ता है
इसलिए डॉक्टर की निगरानी में रहें हमेशा चेकअप कराते रहें, और पूरा परहेज करें आप स्वस्थ रह सकते हैं
मधुमेह (diabetes ) -के लक्षण
मधुमेह के प्रमुख 4 लक्षण
1-बार-बार पेशाब आना (यह शिकायत रात में अधिक होती है।)
2-अत्यधिक भूख लगना,
3-अत्यधिक प्यास लगना और मुंह सूखना
4-शरीर के वजन में कमी आना
मधुमेह के अन्य लक्षण
मानसिक और शारीरिक थकावट और कमजोरी लगना
बार-बार फोड़े-फुंसी होना
किसी कारण वस घाव होना और घाव का जल्दी ठीक न होने और घावों में बार-बार मवाद बनना,
खुजली की शिकायत होना , त्वचा का सूखापन, सिरदर्द, घबराहट, चिंता, उत्तेजना की कमी
नपुंसकता की शिकायत हाथ और पैरों में झुनझुनी, सुन्नता और दर्द होना , धुंधली दृष्टि, नपुंसकता
कम उम्र में धमनी का रोग हो जाना , जननांगों के पास खुजली
अधिकतम शारीरिक कमजोरी का आभास होना पुरुष के लिंग और स्तरी के योनी में अचानक सूजन हो जाना ,
पैरों में दर्द और कमजोरी पैरों के तलवों में हमेशा जलन रहना ,त्वाचा का सूखापन रहना ,
रोगी द्वारा त्याग मूत्र पर चींटियों का एकत्रित हो जाना
बार-बार कुछ न कुछ खाने की इच्छा होना ,सर्दियों में भी प्यास लगना आराम करने या सोने की तीव्र इच्छा होना और अधिक परिश्रम से बचना !
मधुमेह (diabetes ) -रोग के प्रमुख कारण
1 गलत खान-पान – बहुत अधिक भोजन करना और मोटापा वयस्कों में मधुमेह का कारण बन सकता है।
कम खाने से भी मधुमेह हो सकता है। अधिक मीठा खाने से अग्न्याशय के सिकुड़ने और उसकी नली में पथरी बनने के कारण,
शारीरिक परिश्रम की कमी के कारण, अधिक मानसिक तनाव, संक्रमण – वायरल संक्रमण, शरीर में हार्मोन में परिवर्तन,
इंसुलिन की गड़बड़ी के कारण, फाइब्रोसिस बढ़ने से रुकावट पैदा होने पर इंसुलिन का उत्पादन कम होने पर
अग्न्याशय पर दवाओं के दुष्प्रभाव के कारण ,इंसुलिन रिसेप्टर की गड़बड़ी के कारण ।
2 जन्मजात प्रवृत्ति –मधुमेह से पीड़ित माता-पिता के बच्चों में यह रोग होने की संभावना अधिक होती है।
यदि माता या पिता में से किसी एक को मधुमेह है तो इसकी सम्भावना कम हो जाती है।
मधुमेह (diabetes ) – के प्रकार
आमतौर पर मधुमेह दो प्रकार के होते हैं।
प्राथमिक (Idiopathic)- मधुमेह -इसमें युवाओं में होने वाला मधुमेह शामिल है। जो अक्सर इंसुलिन पर निर्भर मधुमेह होता है। इसमे मोटे, पतले और मध्यम पुरुष हो सकते हैं।
माध्यमिक मधुमेह- इसमे सामान्य मधुमेह शामिल नहीं है। जैसे: दवाओं के प्रभाव के कारण मधुमेह
इंसुलिन की गड़बड़ी के कारण मधुमेह ,अग्नाशय के रोग आदि।
Note – प्राथमिक मधुमेह – मोटापा के अधिकता के कारण हो सकता है। और मोटापा (बहुत पतला होने के कारण भी) बिल्कुल कम होने के कारण भी हो सकता है,
–माध्यमिक मधुमेह – अग्नाशय की गड़बड़ी, हृदय की विफलता और यकृत की सिरोसिस, गुर्दे की विफलता या भुखमरी माध्यमिक मधुमेह का कारण, बन सकता है।
मधुमेह मे क्या खाएं
-2-2 किलो गेहूं और जौ लेकर एक किलो चने के साथ पीस लें खाने में ऐसे चोकर के साथ आटे की बनी चपाती खाएं.
-सब्जियों में करेले, मेथी, सहिजन, कुल्फा, पालक, तोरी, शलजम, परवल, लौकी, मूली का साग खाएं।
-फलों में जामुन, नींबू, आंवला, टमाटर, संतरा, मौसमी, खीरा लें मेथी दाना (बीज) 25 से 100 ग्राम तक रोजाना सुबह खाली पेट या सब्जी में खाएं।
-बिना शक्कर की चाय, कॉफी, दूध को नियमित रूप से बनाकर, आटे में मिलाकर या दाल में मिलाकर सेवन करें।
-मिठास के लिए सैकरीन, एस्पार्टेम आदि की गोलियों का प्रयोग करें
-कमजोरी दूर करने के लिए हरा कच्चा नारियल, अखरोट, मूंगफली, काजू, सोयाबीन, मटन सूप, दही, छाछ लें।
-क्रोमियम की कमी इंसुलिन के उत्पादन में बाधा डालती है इसलिए इसे प्राप्त करने के लिए फूलगोभी, मशरूम, चोकर, खमीर, सूखे मेवे सहित खड़े अनाज का अधिक सेवन करें
-एक बार में खाना न खाएं, थोड़ी-थोड़ी मात्रा में 4-5 बार करें।
मधुमेह मे क्या न खाएं
-आहार में चावल, मांस, अंडे, तली हुई मछली, दूध पाउडर, सिंघाड़ा, घी, मक्खन, मैदे से बनी चीजें न खाएं.
-मीठे खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ जैसे चीनी, गुड़, शहद, ग्लूकोज, मिठाई, जैम, जेली, टॉफी, चॉकलेट
आइसक्रीम,हलवा, गन्ना, शकरकंद, आम, केला, चीकू, पपीता, शर्बत, शीतल पेय अंगूर मीठी चाय, मीठा दूध, रबड़ी आदि का सेवन न करें।
-तिल, आलू, आलू के चिप्स, घुइयां, चुकंदर, उड़द की दाल, पूरी, पराठा, समोसा, कचौरी, चाट न खाएं।
-शराब, ठंडे पानी, बर्फ का सेवन न करें।
-एक बार में अधिक से अधिक भरपेट भोजन न करें।
मधुमेह(diabetes )- से बचाव के लिए क्या करें
-मॉर्निंग वॉक, ब्रिस्क वॉकिंग सबसे सुरक्षित एक्सरसाइज है ऐसा नियमित रूप से करें ,
-चलने की गति धीरे-धीरे बढ़ाएं, तैरना और दौड़ना बेहतरीन व्यायाम हैं, अपनी पसंद के अनुसार करें।
-भोजन और दवा लेने का एक निश्चित समय निश्चित करें और उसका सख्ती से पालन करें
-सर्दियों में ठंड से बचने के लिए पर्याप्त गर्म कपड़े पहनें
-मिश्री या चॉकलेट हमेशा अपने पास रखें, ताकि लो ब्लड शुगर के कारण बेहोशी की स्थिति में इसका सेवन किया जा सके।
मधुमेह (diabetes ) -मे क्या न करें
-चलते समय इतनी तेज न चलें कि हांफने लगें उतनी ही मात्रा में व्यायाम करें, जिससे थकान न हो
-मानसिक तनाव उत्पन्न न होने दें शरीर का वजन ज्यादा ना बढ़ने दें उपवास मत करे।
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