अम्लपित्त (Hyperacidity )

जब आमाशय (stomach ) मे अम्ल (acid )की मात्रा बढ़ जाती है !तो मनुष्य को अम्लपित्त (hyperacidity ) होती है सामान्यतः पेट में उचित मात्रा में ऐसिड का स्राव होता है जो खाने को पचाने के लिए जरूरी होता है

अतः जब भोजन ठीक प्रकार से नहीं पचता है तब आमाशय उत्तेजित हो जाता है ,जिससे आमाशय में हाइड्रोक्लोरिक नामक ऐसिड का बनना ज्यादा मात्रा में होने लगता है !जिसके परिणामस्वरूप रोगी को जलनयुक्त खट्टी डकारें आने लगती हैं !तो इस दिक्कत को अम्लपित्त ,आमाशय की अम्लता ,छाती की जलन हाइपर एसिडिटी आदि नामों से जाना जाता है फास्ट फूड के इस प्रचलन मे हर तीसरा व्यक्ति इस रोग से पिणीत है !

अम्लपित्त (Hyperacidity ) –के कारण

1-कमजोर पाचन क्रिया

2-डाइजेस्टीव एंजाइम का कम बनना

3-कोई गंभीर बीमारी ,जैसे –गैस्ट्रोडुओडेनल अल्सर ,I B S, I B D, कोलाईटिस ,पीलिया, लिवर सिरोसिस आदि !

4-किसी विशेष प्रकार के फूड से एलर्जी

5-एक ही बार मे अधिक खाना खाना

6-एक ही प्रकार का भोजन लगातार लंबे समय तक करना 

7-समय से खाना न खाना (जब भूख लगे )

8-अधिक देर तक खाली पेट रहना (भूखे रहना )

9-पानी कम पीना या आवश्यकता से अधिक पानी पी लेना

10-चाय ,काफी अथवा अन्य सेन्सिटिव ड्रिंक का अधिक सेवन करना

11-तेल ,मिर्च ,मसालेदार व वासी भोजन का सेवन करना

12-मदिरा ,सराब ,गुटखा ,पान मसले ,तंबाकू या कोई अन्य मादक पदार्थ का अधिक सेवन करना

13-खाना खा कर तुरंत काम करने लग जाना ,खासकर के बैठकर !

14-रात्री को भोजन के बाद तुरंत लेट जाना अथवा सो जाना

15-खाना के बाद तुरंत पानी पी लेना

16-मांस अधिक खाना खासकर के अधपका

17- कब्ज अधिक होना

18-asprin जैसे -दर्द की दवाई का अधिक या खाली पेट सेवन करना

19-दिमाग (mind )एव आतों (gut )के कनेक्शन मे गड़बड़ी होना जैसे –चिंता ,डिप्रेसन ,o c d ,phobia आदि का होना !

20-होटल के खाने जैसे –समोसे ,कचौरी ,पकौड़ी ,बर्गर ,चाउमीन ,या कोई और फास्ट फूड का अधिक सेवन करना

21-अन्य प्रकार के गर्म पदार्थ सूखे मेवे इत्यादि का सेवन करना !

अम्लपित्त (Hyperacidity )-का लक्षण

1-अम्लपित्त (Hyperacidity ) मे पेट व छाती में जलन अधिक हो सकता हैं

2-गले मे दर्द या जलन का अधिक होना

3-नॉर्मल अथवा खट्टी डकारे आना

4-मुख मे पानी आना ,जि मिचलाना

5-मुख मे खट्टा पानी डकार के माध्यम से आ जाना

6-पेट में भारीपन महसूस होना ,पेट का कभी –कभी फूल जाना

7-बहुत तेज भूख लगना अथवा कम भूख लगना या बिल्कुल भूख ना लगना

8-ऐसिड का चेस्ट मे अटक जाना

9-गले से आवाज आना डकार के जैसा लेकिन ये डकार नहीं कभी –कभी

10-थकान महसूस होना ,निदं सही से नहीं आना

11-पेट मे दर्द होना ,दस्त होना ,खट्टी उल्टी होना

अम्लपित्त (Hyperacidity )-का इलाज

दिक्कत अधिक होने पर पेट के डॉक्टर को दिखाए ताकि प्रॉब्लम की मूल आधार पे दवाई हो ,पहले किसी M D Medicine को दिखा सकते हैं उसके बाद जैसा ओ बताए वैसा करे ! (Gastroenterologist ) इसके मेंन डॉक्टर होते हैं !कभी-कभी ये psychological भी होता है जिससे मनोरोग चिकित्सक को दिखाना पड़ सकता हैं

अम्लपित्त (Hyperacidity ) –मे डाइट एव कुछ महत्वपूर्ण सुझाव  

वैसे इसकी कोई डाइट फिक्स नहीं होती हैं हर मरीज की अलग अलग डाइट होती है जो सूट करने के बेस पे है

मरीज को खुद चेक करना होता है की उसे क्या चीज पच रहा है या कौन सा फूड नहीं पच रहा हैं लेकिन कुछ चीजे परहेज मे फिक्स होती हैं !

जैसे –कोई भी मादक पदार्थ ,तेल,मिर्च एव मसालेदार खाना ,होटल के खाने ,बासी खाना ,अधपका खाना ,फास्ट फूड , पान ,गुटखा ,बीड़ी ,सिगरेट ,इत्यादि!

मैंगो जूस को चेक करे ,आइस क्रीम चेक करे ,नारियल पानी को चेक करे ,ताजी दही चेक करे ,कोई भी फ्रूट चेक कर सकते हैं !

हरी सब्जी मे भी सभी सब्जी सबको डाइजेस्ट नहीं होता है ! और acidity का कारण बन सकता !

Note –अम्लपित्त (Hyperacidity ) कारण को सही करे काफी आराम मिलेगा !

खाना को चबाकर खाए ,खाने के 2 से 3 घंटे बाद सोये ,रात्री को पानी कम पिए ,दिन मे पानी खूब पिए ,रात्री मे देर तक न जागे ,सलाद का सेवन अधिक करे ,सुबह जल्दी जगे ,रोज नियमित टहलने जाए ,मॉर्निंग मे गुनगुना पानी पिए ,नियमित व्यायाम करे  

मै एक लिंक और ऐड कर रहा हु इसको भी रीड करिए!

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